कानपुर: बिकरू कांड के मास्टरमाइंड के माता-पिता ने घर वापस आते ही कह दी ये बड़ी बात
कानपुर में एनकाउंटर में मारे गए बिकरू कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे की मां सरला देवी और पिता रामकुमार मंगलवार को वापस बिकरू गांव लौट आए। पिता रामकुमार ने कहा कि अब वो गांव में रहकर लोगों की मदद करेंगे।
कानपुर। यूपी के कानपुर में एनकाउंटर में मारे गए बिकरू कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे की मां सरला देवी और पिता रामकुमार मंगलवार को वापस बिकरू गांव लौट आए। पिता रामकुमार ने कहा कि अब वो गांव में रहकर लोगों की मदद करेंगे।
कानपुर के बिकरू कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे के पिता ने गांव में वापस आते ही कहा कि उनका बेटा एक अपराधी था। उनका ये भी कहना है कि उनके बेटे के साथ जो हुआ वो बिल्कुल सही हुआ। उनके मुताबिक एक अपराधी के साथ ऐसा ही होना चाहिए।
पिता रामकुमार का कहना है कि बेटे की वजह से गांव के जिन लोगों को दिक्कतें उठानी पड़ीं वो अब ऐसे लोगों की परेशानियों में उनकी बराबर मदद करेंगे। इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि अब वो अपनी पत्नी के साथ गांव में ही रहंगे। इस दौरान पिता रामकुमार ने पुलिस के ऊपर आरोप लगाया कि पुलिस ने ही विकास दुबे को शह दी थी।
जिसके कारण वह इतना बड़ा अपराधी बन गया। उनका कहना है कि पहले पुलिस ने ही उसको अपराधी बनाया और फिर बाद में वही पुलिस उसकी दुश्मन बन गई। जिसकी वजह से पुलिस ने उसके पीछे पड़कर उसे भगवान के पास भेज दिया। बता दें कि विकास दुबे की मां सरला देवी ने कहा है कि विकास के पापों का भुगतान अब उनके छोटे बेटे दीपक को करना पड़ रहा है।
उनका कहना है कि विकास के कारण उनके छोटे बेटे दीपक को भी जेल जाना पड़ा। सरला देवी ने बताया कि दीपक ही हम लोगों को देख रहा था और हमारी सेवा कर रहा था। उनका कहना है कि दीपक के जेल जाने के बाद लखनऊ में उनका दम घुटने लगा था। इसीलिए अब हम दोनों ने यह तय किया है कि जीवन के अंतिम दिन गांव में रहकर ही बिताएंगे।
विकास की मां सरला देवी ने बताया कि उनके बेटे के साथ जो हुआ वह अलग बात है मगर उसकी वजह से जिन गांव वालों को परेशानी झेलनी पड़ी उनकी पूरी मदद की जाएगी। इस दौरान सरला देवी ने कहा वह प्रशासन से अपना बिकरू वाला घर बनवाने और फिर वहीं रहने की अनुमति मांगेंगी।
गौरतलब है कि बिकरू कांड के बाद सरला देवी लखनऊ में अपने छोटे बेटे दीपक के यहां रह रही थीं। वहीं, पिता रामकुमार को पुलिस ने 5 जुलाई को शिवली स्थित दामाद और बेटी के यहां भेज दिया था। इसके बाद उनके छोटे बेटे दीपक दुबे के घर की कुर्की हो गई।
छोटे भाई दीपक दुबे के जेल जाने के बाद मां सरला देवी शिवली में ही रह रही थीं। बताया जाता है कि बीच में नवरात्र पर उन्होंने गांव आकर लोगों का हालचाल लिया था। ग्रामीणों के मुताबिक सोमवार रात लगभग साढ़े नौ बजे दोनों को एक कार लेकर आई और उमाकांत के घर पर छोड़कर चली गई।