मशहूर संगीतकार वाजिद खान की पत्नी ने ससुरालीजनों पर लगाया धर्म के आधार पर भेदभाव का आरोप
कमालरुख ने इंस्टाग्राम पर एक लेटर पोस्ट किया है, जिसमे उन्होंने अंतरजातीय शादी के बाद वाजिद खान की ओर से किए गए उत्पीड़न के बारे में बात की है। कमालरुख ने अपने पोस्ट में अपने ऊपर हुए अत्याचार के बारे में बताया है।
नई दिल्ली। मशहूर संगीतकार वाजिद खान की पत्नी कमालरुख खान ने अपने ससुरालीजनों पर धर्म के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है।
कमालरुख ने इंस्टाग्राम पर एक लेटर पोस्ट किया है, जिसमे उन्होंने अंतरजातीय शादी के बाद वाजिद खान की ओर से किए गए उत्पीड़न के बारे में बात की है। कमालरुख ने अपने पोस्ट में अपने ऊपर हुए अत्याचार के बारे में बताया है।
साल 2020 हिंदी सिनेमा के लिए बहुत ही बुरा साबित हुआ। इस साल कई दिग्गज कलाकारों ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनमे से एक दिग्गज गायक और संगीतकार वाजिद खान भी है। वाजिद खान का लंबी बीमारी के बाद 1 जून 2020 को निधन हो गया।
बता दें कि वाजिद खान की पत्नी कमालरुख खान ने अपनी प्रेम कहानी और उनके परिवार के साथ अपने खराब संबंधों को याद करके इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट लिखा है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "मेरा नाम कमालरुख खान है और मैं दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पत्नी हूं।
उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि शादी से पहले मैं और वाजिद 10 साल से रिश्ते में थे। शादी से पहले मैं पारसी और वाजिद मुस्लिम थे। उन्होंने बताया कि हम वही थे जिसे आप "कॉलेज स्वीटहार्टस" कहेंगे। कमालरुख के मुताबिक उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी की थी।
उन्होंने कहना है कि "मेरी परवरिश ऐसे पारसी परिवार में हुई है जहां सभी लोग पढ़े लिखे और खुलकर लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात कह सकते है।" उन्होंने आगे लिखा है कि उनकी स्वतंत्रता, शिक्षा और लोकतांत्रिक मूल्य ही उनके ससुराल वालों के लिए समस्या बन गई थी।
उन्होंने लिखा कि मैं हर किसी धर्म का सम्मान करती हूं, लेकिन इस्लाम में परिवर्तित होने के मेरे प्रतिरोध ने मेरे और वाजिद के बीच में भी दूरियां आ गई थी। कमालरुख खान आगे लिखती है, "शादी के बाद ससुराल में ऐसा माहौल देखने के बाद मैं धोखा महसूस कर रही थी।
इसके साथ ही कमालरुख खान ने बताया कि वाजिद के इंतकाल के बाद भी उनके परिवार का उत्पीड़न जारी है। इसके साथ ही कमालरुख खान का कहना है कि 'वाजिद एक प्रतिभाशाली संगीतकार थे जिन्होंने शानदार धुन बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था।'
कमालरुख खान और उनके बच्चे आज भी वाजिद को बहुत याद करते है और उनका कहना है कि काश उन्होंने एक परिवार के रूप ने हमारे साथ समय बिताया होता। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि "हमें उनके और उनके परिवार की धार्मिक कट्टरता के कारण कभी परिवार नहीं मिला।"