सरकारी धन का बंदरबांट: फर्जी नाम से चार सौ लोगों को दे दिया तीन करोड़ का लोन, दो गिरफ्तार
बैंक में जमा जनता की गाढ़ी कमाई को हड़पने वाले तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्रीराम नाथ ने लोन देने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कराए और कुछ दलालों की मिलीभगत से लगभग तीन करोड़ रुपये निकालकर उसे हड़प लिया। गोला क्षेत्र के रहने वाले आरोपित शाखा प्रबंधक ने फर्जीवाड़ा करने के लिए लोन के लिए किसी उच्चाधिकारी की स्वीकृति भी नहीं ली।
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी के गृह जनपद गोरखपुर जिला सहकारी बैंक की सिकरीगंज शाखा में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां सहकारी बैंक द्वारा 400 फर्जी लोगों के नाम पर तीन करोड़ रुपये का व्यावसायिक व व्यक्तिगत लोन जारी कर उसे हड़प लिया।
यह घोटाला वर्ष 2012 से 2015 के बीच का बताया जा रहा है। इस घोटाले में तत्कालीन शाखा प्रबंधक, कैशियर समेत कई अन्य लोगों की मिलीभगत सामने आई है। बैंक प्रबंधन ने इस मामले में जांच बैठाकर मुख्य आरोपित शाख प्रबंधक श्रीराम नाथ को निलंबित कर दिया है। पुलिस दो आरोपितों को गिरफ्तार कर मुख्य अभियुक्त की तलाश में जुटी है।
उच्चाधिकारियों से नहीं ली स्वीकृति
पुलिस की छानबीन में पता चला कि बैंक में जमा जनता की गाढ़ी कमाई को हड़पने वाले तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्रीराम नाथ ने लोन देने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कराए और कुछ दलालों की मिलीभगत से लगभग तीन करोड़ रुपये निकालकर उसे हड़प लिया। गोला क्षेत्र के रहने वाले आरोपित शाखा प्रबंधक ने फर्जीवाड़ा करने के लिए लोन के लिए किसी उच्चाधिकारी की स्वीकृति भी नहीं ली। सारे पदों की स्वीकृति हस्ताक्षर वह स्वयं कर लेता था।
शाखा प्रबंधक ने अपने कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर भी फर्जी लोगों के नाम पर न केवल लोन स्वीकृत किया बल्कि उसे निकालकर हड़प भी लिया। सिकरीगंज का शाखा प्रबंधक होने के बावजूद वह खजनी, उरुवा, बेलघाट, पिपरौली ब्लाक तक का लोन बांटा। इस धांधली के बाद जिला सहकारी बैंक सिकरीगंज का बीते एक जनवरी 2021 को उरुवा बाजार की शाखा में विलय कर दिया गया है।
आरोपित धड़ल्ले से लेते थे गारंटी
तीन करोड़ के फर्जी लोन मामले में गिरफ्तार दो आरोपित लोन के किसी भी कागज पर धड़ल्ले से गारंटी लेते थे। बुधवार को एसआईबी सेल ने भूमिधर इंटर कालेज तिराहे के पास से जिन दो आरोपितों को गिरफ्तार किया, उनकी पहचान सिकरीगंज के सतोरा निवासी रामनिवास और बरौली निवासी जयप्रकाश के रूप में हुई। रामनिवास ने अपने लड़के, पत्नी, साला, बहनोई सहित कुल 17 और जयप्रकाश ने पांच लोगों के नाम पर गारंटी ली थी।
मुख्य आरोपित पुलिस की पकड़ से दूर
इस मामले की जांच कर रहे एसआईबी सीआईडी कोऑपरेटिव सेल के इंस्पेक्टर अनिल प्रकाश सिंह ने बताया कि आरोपित शाखा प्रबंधक के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471, 406, 120बी, 204 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
सितम्बर 2015 में यह मुकदमा सिकरीगंज थाने से एसआईबी सीआईडी कोआपरेटिव सेल में स्थानांतरित हुआ था। मुख्य आरोपित तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्रीराम नाथ अभी भी गिरफ्त से बाहर है, जिसकी तलाश चल रही है। फर्जीवाड़ा करने वालों की तलाश में 15 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है।
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