आगरा मेट्रो में नहीं बर्बाद होगा पानी, धुलाई से लेकर किचिन तक का पानी फिर होगा इस्तेमाल

टीम भारत दीप |

बारिश के पानी को पाइप के जरिए जमीन में भेजा जा सकेगा।
बारिश के पानी को पाइप के जरिए जमीन में भेजा जा सकेगा।

उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन के एक अधिकारी ने बताया कि मेट्रो डिपो में वेस्ट वाटर को रीसाइकल करने के लिए एक लाख लीटर की क्षमता का प्लांट लगा है। इस ट्रीटमेंट प्लांट में ग्रे वाटर यानी किचन, वाशरूम और फ्लोर क्लीनिंग से निकलने वाले पानी को रीसाइकल करने के लिए 70 हजार लीटर की क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है।

आगरा। ताजनगरी आगरा में आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं के विस्तार के लिए मेट्रो के निर्माण का काम तेजी से जारी है। 15वीं पीएसी ग्राउंड में मेट्रो का पहला यार्ड का काम पूरा होने वाला है। इस यार्ड के एक हिस्से में संयुक्त वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो गया है।

इससे गंदे पानी को फिर से यूज किया जा सकेगा। जल्द ही इसका ट्रायल शुरू होगा। वहीं फतेहाबाद रोड पर मेट्रो के तीन स्टेशन निर्माणाधीन हैं। यह सभी एलीवेटेड स्टेशन हैं। ट्रैक बिछाया जा रहा है।उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन के एक अधिकारी ने बताया कि मेट्रो डिपो में वेस्ट वाटर को रीसाइकल करने के लिए एक लाख लीटर की क्षमता का प्लांट लगा है।

इस ट्रीटमेंट प्लांट में ग्रे वाटर यानी किचन, वाशरूम और फ्लोर क्लीनिंग से निकलने वाले पानी को रीसाइकल करने के लिए 70 हजार लीटर की क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। 

पानी की होगी सफाई

आटोमेटिक वाश प्लांट में ट्रेनों की सफाई और मरम्मत के दौरान जो भी केमिकल युक्त पानी यानी ब्लैक वाटर को रीसाइकल करने के लिए तीस हजार लीटर की क्षमता का छोटा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। पीने के पानी के लिए अलग से पाइप लाइन बिछाई जा रही है।

डिपो परिसर में विभिन्न क्षमता वाले भूमिगत टैंकों का निर्माण किया गया है, जिसमें राॅ टैंक, डोमेस्टिक टैंक व फायर टैंक शामिल हैं। 1.25 लाख लीटर की क्षमता वाले रा टैंक में डिपो परिसर में विभिन्न श्रोत से प्राप्त होने वाले पानी को एकत्रित किया जाएगा।

एक लाख की क्षमता वाले डोमेस्टिक टैंक में डोमेस्टिक गतिविधियों के लिए प्रयोग किए जाने वाले जल को स्टोर किया जाएगा। आग लगने जैसे घटना होने पर दो लाख लीटर पानी की क्षमता वाला फायर टैंक बनाया जा रहा है। इसके अलावा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जा रहा है। बारिश के पानी को पाइप के जरिए जमीन में भेजा जा सकेगा।

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