चंदौली में मिट्टी की खोदाई करते वक्त गिरा टीला, चार की मौत और कई मलबे में दबे
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सोनभद्र जिले के बहुअरा गांव के ग्रामीण सुर्रा बंधी के समीप मिट्टी की खोदाई कर रहे थे। इसी दौरान मिट्टी का टीला अचानक ढह गया। मलबे में सभी लोग दब गए। हादसे के बाद पास से गुजर रहे संविदा बिजली कर्मचारी देवेश यादव ने घायलों की चीख-पुकार सुनकर शोर मचाया। बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए।
चंदौली। दीपावली से पहले चंदौली में एक बड़ा हादास हो गया। इस हादसे में चार लोगों की मिट्टी के टीले में दबकर मौत हो गई। यह हृदय विदारक हादसा घर नौगढ़ थाना के उदितपुर सुर्रा गांव का है।
यहां मंगलवार सुबह त्योहार पर घर की पुताई करने के लिए ग्रामीण मिट्टी की खोदाई करने गए थे, इसी दौरान टीला ढह गया। मिटटी में दबकर गांव के शिव कुमार भारती (50), सोनभद्र के राबर्ट्सगंज थाना के बहुअरा ग्राम पंचायत के कुरीहवां गांव के दूधनाथ विश्वकर्मा (46), उनका पुत्र आशीष (12) की मौत हो गई, जबकि रितेश (09) गंभीर रूप से घायल हो गया।
अस्पताल ले जाते वक्त उसकी भी मौत हो गई। हादसे सूचना मिलते ही मृतकों के घर में कोहराम मच गया। एसपी अंकुर अग्रवाल, एसडीएम डाक्टर अतुल गुप्ता समेत अन्य अधिकारी व पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। जेसीबी मशीन से मलबा हटाकर शव व घायल बालक को निकाला गया। धनतेरस के दिन दर्दनाक हादसे से लोग आहत हैं।
मालूम हो कि सोनभद्र जिले के बहुअरा गांव के ग्रामीण सुर्रा बंधी के समीप मिट्टी की खोदाई कर रहे थे। इसी दौरान मिट्टी का टीला अचानक ढह गया। मलबे में सभी लोग दब गए। हादसे के बाद पास से गुजर रहे संविदा बिजली कर्मचारी देवेश यादव ने घायलों की चीख-पुकार सुनकर शोर मचाया।
बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए। जेबीसी व ग्रामीणों की मदद से किसी तरह मलबा हटाया गया। इसमें शिव कुमार भारती, दूधनाथ व उनके पुत्र आशीष की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। वहीं रितेश की सांसें चल रही थीं। उसे एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया, लेकिन रास्ते ही उसकी मौत हो गई।
सूचना पर पहुंची पुलिस
चार ग्रामीणों की मौत की सूचना मिलते ही पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया। त्योहार के दिन दर्दनाक घटना से मातम पसर गया। दूधनाथ की तीन पुत्री और दो पुत्र थे। दोनों बेटों के साथ पिता की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
पत्नी चिंता देवी का रो-रोकर बुरा हाल रहा। उधर उदितपुर सुर्रा के शिव कुमार घर के इकतौले कमाऊ व्यक्ति थे। उनकी छह पुत्रियां हैं। घटना से परिवार के सामने अब रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। पत्नी सरस्वती समेत परिवार के लोग सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
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