राजधानी में महिला की मौत, 8 घंटे घर में पड़ा रहा शव,मुस्लिम युवाओं ने किया अंतिम संस्कार
त्रिवेणी नगर-2 की माया सक्सेना (70) की मंगलवार सुबह मौत हो गई। बेटा विवेक व बहू अंजू कोरोना संक्रमित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। इसलिए माया घर में अकेली थीं। पड़ोसियों को माया की मौत की खबर मिली तो स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम को शव ले जाने के लिए सूचना दी।
लखनऊ। प्रदेश में सरकारी लापरवाही की रोज खबरे सामने आ रही है। ताजा मामला प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सामने आया। यहां अधिकारियों की लापरवाही से मंगलवार को घर में अकेली बुजुर्ग महिला का शव आठ घंटे तक पड़ा रहा। मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कुछ युवाओं ने आगे बढकर मदद की ।
बेटा- बहू अस्पताल में भर्ती
त्रिवेणी नगर-2 की माया सक्सेना (70) की मंगलवार सुबह मौत हो गई। बेटा विवेक व बहू अंजू कोरोना संक्रमित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। इसलिए माया घर में अकेली थीं। पड़ोसियों को माया की मौत की खबर मिली तो स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम को शव ले जाने के लिए सूचना दी।
स्वास्थ्य विभाग ने दोपहर करीब 12 बजे शव वाहन को सूचना दे दी, लेकिन स्वास्थ्यकर्मी बिना पुलिस के शव उठाने को राजी नहीं हुए। स्थानीय निवासी पप्पू दीक्षित ने बताया कि कई बार थाने में संपर्क किया, लेकिन पुलिस नहीं आई।
दोपहर करीब एक बजे हसनगंज कोतवाली के सिपाही नीरज कुमार सरोज व नईम खान आए, लेकिन उठवाने में मदद करने के बजाय सीमा विवाद उठाकर लौट गए।
इससे आक्रोशित लोगों ने पुलिस कमिश्नर के नंबर पर कॉल कर शिकायत की।इसके साथ ही मामले को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसकी जानकारी मिलने पर शवों के अंतिम संस्कार के काम में लगे इमदाद इमाम को सूचना दी।
सूचना पाकर उनकी टीम के मेंहदी रजा, आबिद और जीशान खान मौके पर पहुंचे और पीपीपी किट पहनकर महिला के शव को एंबुलेंस में रखा। इसके बाद घर में ताला लगाकर चाबी मोहल्ले वालों को सौंपने के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए। करीब आठ घंटे की जद्दोजहद के बाद बुजुर्ग का अंतिम संस्कार हो सका।
जीशान ने बताया कि वह और उनके दोस्त कोरोना काल में ऐसे लोगों की मदद कर रहे हैं। रोजा होने के बावजूद वह न सिर्फ जरूरतमंदों की मदद में लगे हैं, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं।