पाक से 18 साल बाद वतन लौटी महिला, बोली बेवजह मुझे रखा जेल में
हसीना बेगम वर्ष 2002 में अपने एक रिश्तेदार से मिलने लाहौर गई थी, लेकिन पासपोर्ट खो जाने के बाद उन्हें पाकिस्तान की जेल में बंद कर दिया गया। औरंगाबाद पुलिस ने इस मामले पर रिपोर्ट दर्ज करवाई इसके बाद मंगलवार को वो अपने देश भारत लौट आईं।
औरंगाबाद। औरंगाबाद की रहने वाली 65 वर्षीय हसीना बेगम पाकिस्तान किसी काम से गई, आपाधापी में उनका पासपोर्ट खो गया। इसके बाद वहां की जेल मे उन्हें 18 वर्ष तक रखने के बाद पाक ने उन्हें रिहा कर दिया।
26 जनवरी को वह अपने देश लौट आई। अपने वतन लौटने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली। मालूम हो कि वर्ष 2002 में पाकिस्तान गईं हसीना का पासपोर्ट खो गया था जिसके बाद उन्हें जेल में बंद कर दिया गया था।
हसीना बेगम वर्ष 2002 में अपने एक रिश्तेदार से मिलने लाहौर गई थी, लेकिन पासपोर्ट खो जाने के बाद उन्हें पाकिस्तान की जेल में बंद कर दिया गया। औरंगाबाद पुलिस ने इस मामले पर रिपोर्ट दर्ज करवाई इसके बाद मंगलवार को वो अपने देश भारत लौट आईं।
यहां लौटने पर हसीना बेगम के रिश्तेदारों और औरंगाबाद पुलिस अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। हसीना ने कहा, मैं बहुत मुश्किल दौर से गुजरी और अपने देश लौटने के बाद मुझे शांति का अहसास हो रहा है। मुझे लग रहा है जैसे मैं स्वर्ग में हूं। मुझे पाकिस्तान में जबरदस्ती कैद कर लिया गया था।
उन्होंने कहा, मैं इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के लिए औरंगाबाद पुलिस को धन्यवाद देना चाहती हूं। हसीना बेगम के एक रिश्तेदार ख्वाजा जैनुद्दीन चिश्ती ने भी औरंगाबाद पुलिस को हसीना के घर लौटने में मदद करने के लिए धन्यवाद दिया।
18 साल पहले अपने पति के रिश्तेदारों से मिलने लाहौर गई हसीना बेगम ने अपना पासपोर्ट खो दिया था। जिसके बाद से वह वहां कि जेल में बंद थी।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार औरंगाबाद के सिटी चौक थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले राशिदपुरा इलाके की रहने वाली बेगम की शादी दिलशाद अहमद से हुई है जो उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं। पुलिस ने पाकिस्तानी अदालत से आग्रह किया कि महिला निर्दोष है जिसके बाद अदालत ने मामले में जानकारी मांगी।
औरंगाबाद पुलिस ने पाकिस्तान को सूचना भेजी कि बेगम के नाम पर औरंगाबाद में सिटी चौक पुलिस स्टेशन के तहत एक घर पंजीकृत है। पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते बेगम को रिहा कर दिया और उसे भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया