महिला इंस्पेक्टर ने बिजली कर्मी को जड़ा थप्पड़ तो कर्मचारियों ने भी कर दी 35 गांवों की बत्ती गुल, पढ़ें पूरा मामला
दरअसल यहां पुलिस चेकिंग के दौरान महिला इंस्पेक्टर ने पेट दर्द की दवा लेने जा रहे एसएसओ को चैराहे पर रोक लिया, मास्क न लगाने पर उसका चालान कर दिया। एसएसओ ने जब जेई से मोबाइल पर बात कराना चाहा तो महिला इंस्पेक्टर ने मोबाइल छीन लिया और उसके थप्पड़ जड़ दिया। फिर पिटाई करते हुए हवालात में ले जाकर बंद कर दिया।
बदायूं। उत्तर प्रदेश के बंदायू से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल यहां पुलिस चेकिंग के दौरान महिला इंस्पेक्टर ने पेट दर्द की दवा लेने जा रहे एसएसओ को चैराहे पर रोक लिया, मास्क न लगाने पर उसका चालान कर दिया। एसएसओ ने जब जेई से मोबाइल पर बात कराना चाहा तो महिला इंस्पेक्टर ने मोबाइल छीन लिया और उसके थप्पड़ जड़ दिया।
फिर पिटाई करते हुए हवालात में ले जाकर बंद कर दिया। यह खबर तेजी से जंगल में आग की तरह फैल गई। पावर कारपोरेशन के कर्मचारियों के पास जब यह खबर पहुंची तो उनमें उबाल आ गया। फिर क्या था, पहले कर्मचारियों ने थाने जाकर प्रदर्शन किया। फिर वहां से आकर विद्युत उपकेंद्र पर धरने पर बैठ गए।
उन्होंने कस्बा सहित 35 गांवों की बिजली सप्लाई भी बंद कर दी, बिजली कटने से चारों ओर हड़कंप मच गया। शाम को सीओ सिटी मौके पर पहुंचे और कर्मचारियों को कार्रवाई का आश्वासन देकर विद्युत आपूर्ति सुचारु रूप से षुरू करवाई। इस दौरान करीब छह घंटे बिजली गुल रही।
बताया जा रहा है कि कुंवरगांव थाने में तैनात इंस्पेक्टर शर्मिला शर्मा सोमवार सुबह करीब दस बजे कस्बे के मुख्य चैराहे पर मास्क न लगाने वालों के चालान कर रही थीं। लोगों का कहना है कि उसी समय विद्युत उपकेंद्र पर तैनात एसएसओ (सब स्टेशन ऑपरेटर) सुनील कुमार पेट दर्द की दवा लेने चैराहे पर पहुंचे।
वह दवा लेने को जैसे ही मेडिकल स्टोर पर पहुंचा कि तभी इंस्पेक्टर ने उसे पकड़ लिया और उसका चालान करने को कहा। सुनील कुमार की जेब में रुपये नहीं थे। उसने चैराहे से ही एक परिचित व्यक्ति से सौ रुपये उधार लिए और इंस्पेक्टर को दे दिए। इसी दौरान उसने जेई सतीश चंद्र को फोन किया। बताया कि उसे इंस्पेक्टर ने रोक लिया है।
जेई ने इंस्पेक्टर से बात कराने को कहा, इस पर सुनील ने जब फोन महिला इंस्पेक्टर की ओर आगे बढ़ाया तो उसने मोबाइल छीनकर रख लिया और उसको थप्पड़ जड़ दिया। एसएसओ ने कहा कि चालान करो, मारपीट क्यों कर रहीं हैं। इससे इंस्पेक्टर आक्रोशित हो गईं। उन्होंने कर्मचारी को पकड़कर पुलिस की गाड़ी में डाल लिया।
उसे थाने ले जाकर हवालात में बंद कर दिया। वहीं पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों को मामले की जानकारी हुई तो वे इकट्ठे होकर थाने पहुंच गए। इंस्पेक्टर ने उन्हें भी हड़का दिया और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी, इस पर कर्मचारी भड़क गए। उन्होंने पहले थाने के गेट पर प्रदर्शन किया।
फिर विद्युत उपकेंद्र में जाकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने कुंवरगांव के अलावा आसपास के 35 गांवों की सप्लाई बंद कर दी। शाम साढ़े पांच बजे तक कर्मचारी धरने पर बैठे रहे। तब तक विद्युत व्यवस्था बदहाल रही नहीं ।
शाम को सीओ सिटी विनय कुमार द्विवेदी मौके पर पहुंचे और उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर कर्मचारियों का धरना समाप्त कराया। इसके बाद गांवों की आपूर्ति चालू की गई। इस दौरान करीब छह घंटे आपूर्ति बंद रही।
इस विद्युत उपकेंद्र से इलाके के साढ़े आठ हजार से ज्यादा कनेक्शनों को विद्युत आपूर्ति सप्लाई होती है। इनमें करीब सात हजार घरेलू कनेक्शन हैं। 124 कॉमर्शियल कनेक्शन, 26 आटा चक्की, डेढ़ हजार ट्यूबवेल शामिल हैं। इस विद्युत उपकेंद्र से कस्बा और आसपास के 35 गांव में सप्लाई जाती है।
इससे पूरे इलाके में अंधेरा फैल गया और लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। विद्युत विभाग के कर्मचारी से मारपीट के मामले को एसडीओ विपिन मौर्य और जेई सतीश चंद्र भी धरने पर बैठ गए। उन्होंने भी यही कहा है कि आखिर महिला इंस्पेक्टर ने कर्मचारी के साथ मारपीट क्यों की।
कुंवरगांव थाने में तैनात शर्मिला शर्मा चार दिन पहले ही इंस्पेक्टर बनी हैं। इससे पहले वह फैजगंज बेहटा में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात रही हैं। वहीं से ट्रांसफर होकर कुंवरगांव थाने आईं हैं। शर्मिला शर्मा महिला थानाध्यक्ष भी रहीं। कुछ दिन सिविल लाइंस में तैनात रहीं।
18 नवंबर को उनका प्रमोशन हुआ है। वहीं मामले पर कर्मचारियों में खासा रोष है। उन्होंने महिला इंस्पेक्टर पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।