वाह रे नगर निगम ! खाते में करोड़ों फिर भी विकास के लिए बजट का रोया जा रहा रोना

टीम भारत दीप |

नगर विकास विभाग जल्द ही नगर निगमों के विकास कार्यों पर पैसा खर्च न करने का पूरा ब्योरा मांगेंगा।
नगर विकास विभाग जल्द ही नगर निगमों के विकास कार्यों पर पैसा खर्च न करने का पूरा ब्योरा मांगेंगा।

दरअसल प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने जब निगमों की बजट स्थिति की जांच करवाई तब जाकर यह खुलासा हो पाया। पता चला कि नगर निगमों के खातों में पहले से 1572 करोड़ रुपया मौजूद है। फिर भी नगर निगम बजट कम होने का बहाना कर के शहर के विकास कार्य की पूर्ति में रोड़ा बना हुआ है।

लखनऊ। सूबे के मुखिया योगी आदित्याथ के शहरों  में विकास की गंगा बहाने के संकल्प को नगर निगम पलीता लगाने पर तुला है। दरअसल योगी सरकार की शहरों में विकास की स्थिति को लेकर सारी उम्मीदों पर नगर निगम ने पानी फेरने का काम किया है।

शहरों में विकास कार्य कराने और शहरों की तस्वीर बेहतर बनाने को प्रदेश के 17 नगर निगमों के पास भरपूर मात्रा में पैसा होने के बावजूद विकास कार्य करवाने के नाम पर निगम कम बजट होने का रोना रो रहा है। दरअसल प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने जब निगमों की बजट स्थिति की जांच करवाई तब जाकर यह खुलासा हो पाया।

पता चला कि नगर निगमों के खातों में पहले से 1572 करोड़ रुपया मौजूद है। फिर भी नगर निगम बजट कम होने का बहाना कर के शहर के विकास कार्य की पूर्ति में रोड़ा बना हुआ है। बताया जा रहा है कि नगर विकास विभाग जल्द ही नगर निगमों के विकास कार्यों पर पैसा खर्च न करने का पूरा ब्योरा मांगेंगा।

बताया गया कि प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों से यह जानकारी ली जाएगी कि उन्हें कब और कितना पैसा दिया गया, कब, कहां खर्च और कितना किया गया। अगर शेष बजट राशि बैंको में अभी भी मौजूद है तो इसकी क्या वजह है या इस राशि के लिए क्या प्रस्ताव तय किया गया है।

बताया जा रहा है कि लगभग उत्तर प्रदेश के अन्य निगमों की एक जैसी स्थिति है लेकिन प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नगर निगम में भी 14वें, 15वें और राज्य वित्त आयोग का भी भरपूर पैसा पड़ा हुआ है। नगर विकास विभाग के अनुसार लखनऊ नगर निगम को 15वें वित्त आयोग में 148 करोड़ रुपए दिए गए थे।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक जिसमे से कोई भी पैसा अभी तक खर्च नहीं किया जा सका है। इतना ही नहीं, लखनऊ नगर निगम की बची हुई धनराशि पीएफएमएस प्लेटफॉर्म से किसी दूसरे बैंक में ट्रांसफर करवा देने के कारण केवल 83 करोड़ रुपए ही बैंक अकाउंट में दिखाई दे रहे हैं।

नगर विकास मंत्री ने इस पर ऐतराज जताते हुए लखनऊ नगर आयुक्त को जरूरत के मुताबिक पैसों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। कहा गया कि निगम बजट का रोना बार-बार रोने के बजाए ईमानदारी से विकास कार्यो को करें।
 


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