पंजाब, हरियाणा के किसानों के समर्थन में उतरे यूपी के किसान, यमुना एक्सप्रेस-वे पर लगा भीषड़ जाम

टीम भारतदीप |

पंजाब, हरियाणा के किसानों के समर्थन में उतरे यूपी के किसान
पंजाब, हरियाणा के किसानों के समर्थन में उतरे यूपी के किसान

शुक्रवार को यूपी के किसान सड़कों पर उतर आए, जिसका असर यमुना एक्सप्रेस-वे पर पूरी तरह से दिखा। मथुरा में किसानों की भारी भीड़ के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार पूरी तरह थमती नजर आई। हजारों वाहन रेंगते नजर आए। आगरा से लेकर मथुरा तक टोल पर दोनों साइड डेढ़ किलोमीटर तक की लाइनें लग गई।

मथुरा। केन्द्र सरकार की नीतियों को किसान विरोधी बताते हुए दिल्ली कूच कर रहे पंजाब, हरियाणा के बाद अब उत्तर प्रदेश के किसान भी आंदोलन की राह पर है। किसानों के प्रदर्शन को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस हाई अलर्ट पर है। शुक्रवार को यूपी के किसान सड़कों पर उतर आए, जिसका असर यमुना एक्सप्रेस-वे पर पूरी तरह से दिखा।

मथुरा में किसानों की भारी भीड़ के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार पूरी तरह थमती हुए नजर आई। हजारों वाहन रेंगते नजर आए। आगरा से लेकर मथुरा तक टोल पर दोनों साइड डेढ़ किलोमीटर तक की लाइनें लग गई। टोल पार करने में ही वाहनों को आधा घंटे से भी अधिक का वक्त लग रहा है।

वहीं पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। बताते चलें कि कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान अपने आंदोलन के क्रम में दिल्ली की सीमाओं तक आ पहुंचे हैं। किसानों के दिल्ली-मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सरकार को एक पत्र लिखा है।

दिल्ली पुलिस ने सरकार से मांग की है कि आंदोलन को देखते हुए उन्हें दिल्ली के 9 स्टेडियम को अस्थाई जेल बनाने की सुविधा दी जाए, ताकि जरूरत पड़ने पर गिरफ्तार किए गए किसानों को वहां रखा जा सके। इस मामले में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने उनकी मांग को खारिज करते हुए कहा कि आन्दोलन का अधिकार सबको है।

उल्लेखनीय है  दिल्ली से सटे कई बॉर्डर पर किसान पहुंच गए हैं। कृषि कानूनों का विरोध करते हुए पंजाब और हरियाणा से हजारों की संख्या में किसान ‘दिल्ली मार्च’ पर आगे बढ़ रहे हैं। वही इन सबके बीच केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीट कर किसानों से अपील की है।

उन्होंने कहा नए कानून बनाना समय की आवश्यकता थी, आने वाले कल में ये नए कृषि कानून, किसानों के जीवन स्तर में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। नए कृषि कानूनों के प्रति भ्रम को दूर करने के लिए मैं सभी किसान भाइयों एवं बहनों को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं।


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