योगी सरकार ने यूपी वालों को दिया दीपावली गिफ्ट, इस ऐलान से लोगों में खुशी की लहर

टीम भारत दीप |

आयोग ने पावर कार्पोरेशन के स्लैब परिवर्तन को भी अभी लागू करने से मना कर दिया है।
आयोग ने पावर कार्पोरेशन के स्लैब परिवर्तन को भी अभी लागू करने से मना कर दिया है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2020-21 व ट्रू-अप 2018-19 के लिये बिजली कम्पनियों द्वारा निकाली गयी भारी भरकम धनराशि को समाप्त करते हुए बिजली कम्पनियों के ट्रू-अप 71 हजार 525 करोड रुपये में से केवल 60 हजार 404 करोड़ रुपये ही अनुमोदित किया है।

लखनऊ। दीपावली के मौके पर योगी सरकार ने यूपी वालों को ऐसा तोहफा दिया कि जिससे यहां लोगों के चेहरे पर खुशी की लहर है। दरअसल उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने कोरोना प्रकोप को देखते हुए यूपी के लोगों को राहत देते हुए अब इस साल बिजली दर नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है।

नियामक आयोग ने यूपी पावर कार्पोरेशन के बिजली दरों में वृद्धि के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही आयोग ने पावर कार्पोरेशन के स्लैब परिवर्तन को भी अभी लागू करने से मना कर दिया है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2020-21 व ट्रू-अप 2018-19 के लिये बिजली कम्पनियों द्वारा निकाली गयी भारी भरकम धनराशि को समाप्त करते हुए बिजली कम्पनियों के ट्रू-अप 71 हजार 525 करोड रुपये में से केवल 60 हजार 404 करोड़ रुपये ही अनुमोदित किया है।

वर्ष 2020-21 के लिये कुल दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता 70 हजार 792 करोड रुपये की जगह केवल 65 हजार 175 करोड़ रुपये ही अनुमोदित किया है। आयोग ने बिजली कम्पनियों द्वारा मांगी गयी वितरण हानियां 17.90 प्रतिशत को भी खारिज करते हुये मात्र 11.54 प्रतिशत अनुमोदित किया है।

प्रदेश की बिजली कम्पनियों द्वारा वर्ष 2020-21 के लिये दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्कता टैरिफ प्रस्ताव सहित स्लैब परिवर्तन व वर्ष 2018-19 के लिये दाखिल ट्रू-अप पर विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह तथा सदस्यों केके शर्मा व वीके श्रीवास्तव की पूर्ण पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुये आदेश जारी किया है कि इस वर्ष बिजली दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया जायेगा।

साथ ही वर्तमान में जो टैरिफ व्यवस्था है वह आगे भी लागू रहेगी। आयोग ने बिजली उपभोक्ताओं का बिजली कम्पनियों पर निकल रहे 13 हजार 337 करोड़ रुपये पर कैरिंग कास्ट यानी 13 से 14 प्रतिशत ब्याज जोड़ कर इसका लाभ उपभोक्ताओं को दिए जाने पर फैसला सुरक्षित रखा है। आयोग ने अपने आदेश में स्मार्ट मीटर पर आने वाले सभी खर्च को उपभोक्ताओं से नहीं लेने का आदेश देते हुए स्मार्ट मीटर के मामले में 5 किलोवाट तक आरसीडीसी फीस मात्र 50 रुपये प्रति जाब व 5 किलोवाट के ऊपर 100 रुपये प्रति जाॅब अनुमोदित किया है।

बता दें कि अभी तक बिजली कम्पनियां आरसीडीसी फीस 600 रुपये वसूल रही थीं। वहीं प्रीपेड उपभोक्तओं से अब आरसीडीसी फीस नहीं वसूल की जायेगी। इस फैसले पर उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा उनकी लम्बी लड़ाई काम आयी। नियामक आयोग ने स्लैब परिवर्तन के प्रस्ताव को खारिज कर यह साफ कर दिया कि उपभोक्ता परिषद की मांग सही थी।

जबकि मौजूदा बिजली दरों में कमी करने के लिए आगे निर्णय लेने पर आयोग की सहमति भी उपभोक्ता परिषद के लिये बड़ी जीत है क्योंकि उपभोक्ताओं की बची धनराशि जब तक उपभोक्ताओं को नही मिल जायेगी उस पर कैरिंग काॅस्ट यानि ब्याज भी लगभग 14 प्रतिशत जुड़ेगा।

उनके मुताबिक नई बिजली दर आदेश का उपभोक्ता परिषद अध्ययन करने के बाद दीपावली बाद विद्युत नियामक आयोग में बिजली दरों में कमी करने के लिये फिर से एक रिव्यू याचिका दाखिल कर इस करोना काल में ही उपभोक्ताओं को राहत देने के लिये अपनी मांग रखेगा और यूपी सरकार से भी यह अनुरोध करेगा कि सरकार उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिये आगे आये।

उन्होंने बताया कि पावर ट्रांसमिशन कम्पनी ने जो ट्रांसमिशन टैरिफ 34 पैसा प्रति यूनिट प्रस्तावित किया था उसे आयोग द्वारा केवल 23 पैसा प्रति यूनिट अनुमोदित किया गया है।


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