जिन जिलों में हर दिन आ रहे 100 कोरोना केस, काबू पाने के लिए योगी सरकार ने बनाया ये प्लान
27 सितम्बर तक अपने-अपने जनपदों के सम्बन्ध में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। विशेष सचिव स्तर के अधिकारी एक सप्ताह तक सम्बन्धित जनपदों में कैम्प करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय भी कोविड-19 के सम्बन्ध में इन अधिकारियों के फीडबैक तथा अन्य समाधान के लिए जुड़ा रहेगा।
लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के जिन 16 जनपदों में पिछले एक सप्ताह के दौरान प्रतिदिन 100 या उससे अधिक कोविड-19 के मामले मिले हैं, ऐसे जनपदों में संक्रमण को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि इन जनपदों में अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव स्तर के 16 नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है। यह अधिकारी सम्बन्धित जनपद में पहुंचकर ठोस रणनीति व व्यवस्थित कार्ययोजना बनाते हुए 27 सितम्बर तक अपने-अपने जनपदों के सम्बन्ध में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। विशेष सचिव स्तर के अधिकारी एक सप्ताह तक सम्बन्धित जनपदों में कैम्प करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय भी कोविड-19 के सम्बन्ध में इन अधिकारियों के फीडबैक तथा अन्य समाधान के लिए जुड़ा रहेगा।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर 16 जनपदों में कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण के सम्बन्ध में तैनात किए गए नोडल अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेण्ट महत्वपूर्ण हैं। नोडल अधिकारियों को अपने-अपने जनपद में टेस्टों की संख्या बढ़ाने और काॅन्टैक्स ट्रेसिंग पर फोकस किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति भी कोविड संक्रमित पाए जाने पर 10 से 15 लोगों की 48 घण्टों के भीतर काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाए।
इससे संक्रमण की दर को नियंत्रित किया जा सकेगा। कहा कि डोर-टू-डोर सर्वे अभियान को सक्रियता से संचालित किया जाए। होम हाइसोलेशन में रह रहे मरीजों के साथ निरन्तर संवाद कर उनकी स्थिति की जानकारी ली जाए। उन्होंने इण्टीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को और प्रभावी और सुदृढ़ करते हुए उसके बेहतर संचालन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में अलग-अलग कार्यों की जिम्मेदारी, अलग-अलग समूहों को दी जाए और इनके कार्यों की गहन माॅनीटरिंग की जाए।
कहा कि कोविड-19 संक्रमण पाए जाने पर माइक्रो कण्टेनमेण्ट जोन बनाया जाए। उस जोन के तहत शत-प्रतिशत टेस्टिंग सुनिश्चित की जाए। इनके अलावा, हाई रिस्क ग्रुप की फोकस टेस्टिंग करते हुए लक्षणों के आधार पर उनका आरटीपीसीआर कराया जाए। प्रतिदिन किए जाने वाले टेस्ट में से 33 प्रतिशत टेस्ट आरटीपीसीआर द्वारा हर हाल में सुनिश्चित हो। कोविड संक्रमित मरीज पाए जाने पर उसे समय पर कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाए।